उत्तराखंड क्रिकेट संघ (सीएयू) ने राज्य के क्रिकेट खिलाड़ियों के हित में महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अब केवल वही खिलाड़ी राज्य की टीम में भाग ले सकेंगे जो उत्तराखंड के मूल निवासी होंगे। टीम में चयन के लिए मूल निवास प्रमाणपत्र होना जरूरी कर दिया गया है, और इसके बिना खिलाड़ी ट्रायल में भी भाग नहीं ले पाएंगे। यह जानकारी सीएयू के प्रवक्ता विजय प्रताप मल्ल ने प्रदान की। उन्होंने बताया कि एपेक्स काउंसिल की बैठक में इस बदलाव पर सहमति बनी है और यह नियम 2024-25 सत्र से लागू होगा।
इस निर्णय से अन्य राज्यों से आकर उत्तराखंड में पढ़ाई करने वाले छात्रों को नुकसान होगा, क्योंकि वे अब राज्य की क्रिकेट टीम में नहीं चुने जा सकेंगे। मूल निवास-भू-कानून समन्वय समिति और इससे जुड़े संगठनों ने सीएयू के इस कदम की प्रशंसा की है। संगठन के प्रतिनिधियों ने कहा कि यह उत्तराखंड के युवाओं की समस्याओं को समझने का एक प्रयास है। उन्होंने सरकार से भी नौकरियों में मूल निवास की शर्त लागू करने की मांग की। 24 दिसंबर को देहरादून में मूल निवास स्वाभिमान रैली का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें सभी छात्रों को भाग लेने का आग्रह किया गया है। हाल ही में एपेक्स काउंसिल की बैठक में इस निर्णय को मंजूरी दी गई और सीएयू ने सभी जिला संघों को आगामी सत्र के ट्रायल के लिए मूल निवास के प्रमाणपत्र को अनिवार्य करने के निर्देश जारी कर दिए हैं।